भारत में पहली इलेक्ट्रिक कार 1993 में पेश की गयी है. कार का नाम “लवबर्ड” था और एडी इलेक्ट्रिक ने इसे पेश किया गया है. इसे ऑटो एक्सपो में दिल्ली में एक शो के लिए रखा गया था और भारत सरकार ने इस कार की बिक्री की अनुमति दी थी. भारत में पहली इलेक्ट्रिक कार होने के बावजूद इस कार का मैन्युफैक्चरिंग कम बिक्री के कारण बंद कर दिया गया था. तो, क्या है या इलेक्ट्रिक कार बीमा वास्तव में महंगा है? आइए आज इसका खुलासा करते हैं.
क्या इलेक्ट्रिक कार बीमा महंगा है? एक इलेक्ट्रिक कार खरीदने वाले कॉस्टमर का पहला और सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य इसकी पर्यावरण के अनुकूल प्रकृति है, साथ ही रनिंग कॉस्ट कम आती है. इलेक्ट्रिक कार के महगे कार बीमा प्रीमियम के पीछे का कारण यह है कि कार में उपयोग की जाने वाली उन्नत तकनीक के कारण मरम्मत की लागत ज्यादा होती है. इलेक्ट्रिक कारों को उनके हल्के होने के कारण भारी नुकसान हो सकता है.
महंगी प्रीमियम दरों के पीछे का कारण –
इलेक्ट्रिक कार बीमा की महंगे बीमा प्रीमियम दरों के पीछे कई कारण हैं. यहां कुछ कारण दिए गए हैं.
ई-कारें महंगी हैं क्योंकि कार निर्माताओं ने कस्टमर के कंधे से पेट्रोल/डीजल का बोझ को कम करने का एक तरीका खोज लिया है. शून्य प्रदूषण ई-कार बीमा पॉलिसी प्रीमियम दरों के सबसे बड़े कारणों में से एक बन गया है. पेट्रोल/डीजल इंजन वाली कारों से ज्यादा है. नयी तकनीक के साथ बैटरी पर चलने वाली इलेक्ट्रिक कारें और कार के पुर्जे आसानी से क्षतिग्रस्त हो सकते हैं. इस कारण बीमा प्रीमियम दरों में वृद्धि होती है.
कार बैटरी रिप्लेसमेंट –
इलेक्ट्रिक कारें शक्तिशाली बैटरी से चलती हैं और एक समाप्ति तिथि के साथ आती हैं. कार मालिक को ठीक से काम करना बंद करने से पहले बैटरी को बदलना होगा. इलेक्ट्रिक कारें लिथियम आयन बैटरी से चलती हैं. लिथियम-आयन बैटरी और उनका को बदलना महंगा है. अगर लिथियम-आयन बैटरी की लाइफ लंबी होती है तो कार मालिक को बार-बार बैटरी बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी. बैटरी का रेप्लसेमैंट टाइम कम हो जाये तो, लागत उतनी ही कम होगी। इसके थर्ड पार्टी कार बीमा पॉलिसी की प्रीमियम दरें कम होंगी।
महंगा रखरखाव –
इलेक्ट्रिक कारें महंगी होती हैं और उन्हें ज्यादा रखरखाव की आवश्यकता होती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि एक इलेक्ट्रिक कार में जटिल और महंगे कार के पुर्जे होते हैं. इस प्रकार, ई-कारों की मरम्मत के लिए किसी भी क्षतिग्रस्त हिस्से की सेवा या मरम्मत के लिए हाई स्किलड मिस्त्री की जरूरत होती है. भारत में ज्यादा इलेक्ट्रिक कार मालिक नहीं हैं, इसलिए मैकेनिक्स की संख्या भी दूसरी कारों के मैकेनिक्स की तुलना में कम है. यही कारण है कि ई-कार की सर्विसिंग और मरम्मत की श्रम लागत अधिक है. क्योंकि कुशल ई-कार मैकेनिक पारंपरिक कार मैकेनिक की तुलना में ज्यादा चार्ज लेता है.